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Sunday, April 18, 2021

शुभ नवरात्री = [1]सन्तोषी माँ , [2]सन्तुष्टमणी

                   **t मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ?t **    

                **tनोट = जरूरी इन बातो को  आप स्वीकार कर लेवे।t**


*Y*सन्तोषी माँ = आजकल सन्तोषी माँ को बहुत पुकारते हैं क्योंकि जहाँ सन्तुष्टता है वहाँ अप्राप्ति का अभाव है। सन्तुष्टता के आधार पर स्थूल धन में भी बरक्कत अनुभव करते हैं। सन्तुष्टता वाले का धन दो रूपया भी दो लाख समान है। करोड़ पति हो लेकिन सन्तुष्टता नहीं तो करोड़ करोड़ नहीं, इच्छाओं के भिखारी हैं। इच्छा अर्थात् परेशानी। इच्छा कभी अच्छा बना नहीं सकती क्योंकि विनाशी इच्छा पूर्ण होने के साथ-साथ और अनेक इच्छाओं को जन्म देती हैं इसलिए इच्छाओं के चक्र में मकडी की जाल मुआफिक फंस जाते 




Y प्रश्न  =  सभी स्वयं को कौन-सी मणी समझते हो? 
उत्तर = आज के समय में विशेष सन्तुष्टता की ही आवश्यकता है। पूजा भी ज्यादा किस देवी की होती है? सन्तोषी की। और सन्तोषी को राज़ी करना भी सहज होता है। संतोषी सन्तुष्ट जल्दी हो जाती है। संतोषी की पूजा क्यों होती है? क्योंकि आज के समय में टेन्शन बहुत है, परेशानियाँ बहुत हैं इस कारण असन्तुष्टता बढ़ती जा रही है, इसलिए सन्तुष्ट रहने का साधन सभी सोचते हैं। पहले स्वयं से स्वयं सन्तुष्ट रहो फिर सेवा में सन्तुष्ट रहो, फिर सम्बन्ध में सन्तुष्ट रहो तब ही सन्तुष्ट मणि कहलायेंगे। सन्तुष्टता के भी तीन सर्टीफिकेट चाहिए। अपने आप से, सेवा से, फिर साथियों से।




मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा                                                               इसके लिए धन्यवाद। 

अगर पोस्ट पढ़ने के बाद आपके मन में क्या प्रतिक्रिया हुई कृप्या कमेंट कीजिए और अगर  आपको लगे कि इस पोस्ट के विचार किसी के काम आ जाये तो कृप्या इसे शेयर कीजिए। अच्छा मिलते रहेंगे। = सहदृय से धन्यवादY


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