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Sunday, April 18, 2021

ram navami 2021=[1]प्रभु को दिल में, [2]श्रीराम को धनुष और तीर के तस्वीर में ही क्यो दिखाते है ?

                    ** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? **                           **नोट = जरूरी इन बातो को  आप स्वीकार कर लेवे।**


** प्रभु को दिल  में = **अभी तो मेहमान नही, घर के है। बोलो घर के है ना! हाथ उठाऔ। प्रभु को दिल में है। प्रभु को अपने दिल में बिठाया है। दिलाराम है ना! तो दिल में बिठाओ। जो भी कुछ भी होगा दिलाराम सहयोग देगा। सब आये हैं दिलाराम को स्थान पर आये है। जो  दिल की आशाये हैं यहाँ आने से समाप्त कर देना । दौस्तो से मिल के लेन-देन करो जो भी दिल में है। वह खत्म कर देना। दिल में मौज भर को जाना। सभी खुश है ? अभी भी  दिल पर आते रहना, सम्पर्क-सम्बन्ध में रहना। अच्छा सभी ठीक है और सभी स्वस्थ है। साथ ही रामनवमी की अग्रिम  शुभकामनाओं सहित- आप विशेष दोस्त हो ना -इसलिए | * "ओम्-शान्ति"




प्रश्न=  श्रीराम को धनुष और तीर के तस्वीर में ही क्यो दिखाते है ?
उत्तर= कहते है जन्म अष्टमी अर्थात् कृष्ण की आत्मा के 8 जन्म सतयुग में और नवमा जन्म त्रेता में अर्थात रामनवमी। एक भजन भी है ......... चाहे कृष्ण कहो चाहे राम। श्रीराम के पिताश्री सयवंशी के आखिरी राजा थे - फिर उनका राज्य ट्रांसफर(चन्द्रवशी) किया श्रीराम को |
एक भजन भी है......., राम चन्द्र कह पिया से..... "श्रीराम को धनुष और तीर के तस्वीर में भी दिखाते है"  इसका भावार्थ यह है कि त्रेतायुग में 14 कला(गुण) अर्थात् 2 कला कम हो जाती है मतलब सतयुग में कृष्ण 16 कला(गुण) सम्मपूर्ण थे। और त्रेतायुग में 2 कला कम अर्थात् 14 कला हो जाती है |@


@मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा  इसके लिए धन्यवाद। 

अगर पोस्ट पढ़ने के बाद आपके मन में क्या प्रतिक्रिया हुई कृप्या कमेंट कीजिए और अगर  आपको लगे कि इस पोस्ट के विचार किसी के काम आ जाये तो कृप्या इसे शेयर कीजिए। अच्छा मिलते रहेंगे। = सहदृय से धन्यवाद@

3 comments:

  1. अति उत्तम विचारणीय विषय 👍

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  2. This comment has been removed by the author.

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