** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? **
**नोट- जरूरी नहीं इन बातों को आप स्वीकार कर लेवे **
★सादा जीवन उच्च विचार ★आज इस बात की आवश्यकता है कि नारी अपनी सच्ची स्वतंत्रता को पहचाने, अपने चरित्र को उज्ज्वल बनाये। सादा जीवन, उच्च सकारात्मक विचार एवं आध्यात्मिकता के पालन से नारी का मानसिक और बौद्धिक विकास होता है, परिणामस्वरूप उसके अशान्त और चंचल विचार शान्त होते हैं, उसकी भावनात्मक स्थिरता बढ़ती है जिससे वह भयमुक्त बनकर अपने परिवार और देश के भविष्य के प्रति सही निर्णय लेने में सक्षम होती है।नारी को पुन: सम्मानीय पद पर प्रतिष्ठित करने का कार्य प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माध्यम से स्वयं निराकार शिव परमात्मा, पिताश्री ब्रह्मा के साकार तन में अवतरित होकर कर रहे हैं। परमात्मा शिव द्वारा प्रदत्त ज्ञान और योग की शिक्षा से नारी में आध्यात्मिक शक्ति का संचार होने लगता है। अनादि गुणों जैसे कि प्रेम, सुख, शान्ति, आनन्द, शक्ति के अनुभव से उसका सोया स्वमान जागृत हो जाता है और इस प्रकार वह साधारण नारी से शक्ति स्वरूपा शिव-शक्ति बन जाती है।
★ नर-नारी - समाज के दो पाँव नर और नारी –
दोनों समाज के अभिन्न अंग हैं। एक अंग यदि दूसरे अंग से अन्याय करता है तो इससे सारे समाज रूपी शरीर को हानि पहुँचती है। इसलिए दोनों के साथ समुचित न्याय जरूरी है।
★आत्मा को जानने से बढ़ेगा. आत्मविश्वास =
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nice thoughts
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