** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? **
**नोट = जरूरी इन बातो को आप स्वीकार कर लेवे।**
**आज का विचार =** सबसे बुद्धिमान व्यक्ति के लिए अभी भी सीखने के लिए बहुत कुछ बाकी है।
★(2).= परमात्मा समझाते हैं कि तुम आत्मा कितनी छोटी बिन्दी हो, उसमें 84 जन्मों का पार्ट नूँधा हुआ है। कितना वण्डर है। आत्मा कैसे शरीर लेकर पार्ट बजाती है। अभी तुमको बेहद के पार्ट का पता पड़ा है। यह ज्ञान और कोई को नहीं है।
★(3).=दुनिया में कितने ढेर मनुष्य हैं, हर एक की अपनी तकदीर है। जैसा-जैसा जिसने कर्म किया है उस अनुसार दु:खी, सुखी, साहूकार, गरीब बनते हैं। बनती आत्मा है। आत्मा कैसे सुख में आती है, फिर दु:ख में आती है, यह बाप बैठ समझाते हैं। तमोप्रधान से सतोप्रधान बनने का अक्ल बाप(परमात्मा) ही सिखाते हैं।
★(4).=अभी तुम(ब्रह्माकुमार/कुमारी) समझाते हो कि परमपिता परमात्मा निराकार है, वह भी बिन्दी है। परन्तु वह नॉलेजफुल, पतित पावन है। आत्मा भी बिन्दी है। बच्चा फिर भी छोटा होता है। बाप और बच्चे में फर्क तो होता है ना। आजकल तो 15-16 वर्ष वाले भी बाप बन जाते हैं। तो भी बच्चा उनसे छोटा ही ठहरा ना। यहाँ(प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय) वन्डर देखो - बाप भी आत्मा, बच्चा भी आत्मा। वह(परमात्मा) है सुप्रीम आत्मा, नॉलेजफुल।
**मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद।
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