** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? **
**नोट = जरूरी इन बातो को आप स्वीकार कर लेवे।**
@ नवरात्री पर्व की शुभ कामनाए - जय माता दी । अष्ट-सिद्धियाँ,
अष्ट-शक्तियाँ= अष्ट- शक्तियों का
ही दूसरा रूप हैं। ‘सिद्धि’ और ‘शक्ति’ पर्यावाची शब्द हैं।
(8)
'कामावसायिता' आठवीं सिद्धि बतलाई जाती है
जिसका शाब्दिक अर्थ है 'सत्य संकल्प'। सत्य संकल्प का आधार है, 'सत्य ज्ञान(राजयोग)'
और इसकी जीवन में 'धारणा'। चेतन अवस्था में रहते मन निरन्तर संकल्प करता है और निरन्तर
सही या गलत, हाँ या ना, सत्य या असत्य का निर्णय करता रहता है। अर्थात् सत्य संकल्प
का आधार निर्णय शक्ति है। निर्णय शक्ति का आधार ज्ञान व निश्चय है। अगर स्मृति में सत्य ज्ञान है तो निर्णय भी सत्य आधारित होगे
और फिर मन में भी सत्य संकल्प चलेंगे। इससे यह इशारा मिलता है कि कामावसायिता रूपी
सिद्धि तब प्राप्त हो सकती है जब मनुष्यों के धार्मिक या आध्यात्मिक कर्मों का सत्य
ज्ञान हो, ना कि चली रही मान्यातायें, परम्परायें या भटक गए रीतिरिवाज हों।
** इस प्रकार
''कामावसायिता' एक सिद्धि भी है आदि शक्ति भी है। इससे कलियुग के अन्त में, पुरूषोत्तम
संगम युग पर अष्ट सिद्धि का शोधन हो, अष्ट—शक्तियों का प्रादुर्भाव, पुरूषाथी मनुष्यात्माओं
में संस्कार के स्तर पर होता है। देवी—देवताएँ—शक्तियाँ सतयुग में प्रारब्ध्(प्राप्ति,फल)
के रूप में प्राप्त करते हैं। बस इनके नाम व भाव में गूढ़ता व जटिलता बना दी गई है।
आत्मा का वास्तविक स्वरूप इन शक्तियों की सम्पन्नता का है। सतयुग में इन शक्तियों से
अनजाने रहते हैं। वहाँ(सतयुग,त्रेता) ये शक्तियाँ संस्कारवश सहज भाव से कार्यरत रहती
हैं। देवताजन इन शक्तियों को पुरूषोत्तम संगमयुग
में आध्यात्मिक पुरूषार्थ से संस्कारों में समाविष्ट करते हैं। वहाँ गुण, शक्तियों
की सम्पन्नता उसी प्रकार सामान्य बात होती है जिस प्रकार अभी कलियुग में सभी आत्माओं
का निर्बल व विकारी होना एक सामान्य बात मानी जाती है। जैसे—जैसे लक्ष्य करीब आता जाता
है वैसे—वैसे लक्षण के रूप में दिव्य अष्ट—शक्तियां हर किसी लक्ष्य—उन्मुख आध्यात्मिक
पुरूषार्थी के लिए ईश्वरीय वरदान हैं। क्योंकि 'ज्ञान के अभाव में लक्ष्य का महत्तव
नहीं' और 'परिस्थितियों के अभाव में अष्ट शक्तियों का महत्तव नही।' = ''ईश्वरीय सत्य
ज्ञान को नि:शुल्क प्राप्त करने के लिए आज ही संपर्क कर:=(प्रजापिता ब्रह्माकुमारी
ईश्वरीय विश्व विद्यालय) & या पीस आफ मांइड चैनल देखिए ।
**मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद।
अगर पोस्ट पढ़ने के बाद आपके मन में क्या प्रतिक्रिया हुई कृप्या कमेंट कीजिए और अगर आपको लगे कि इस पोस्ट के विचार किसी के काम आ जाये तो कृप्या इसे शेयर कीजिए। अच्छा मिलते रहेंगे। = सहदृय से धन्यवाद
No comments:
Post a Comment