** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? **
**नोट = जरूरी इन बातो को आप स्वीकार कर लेवे।**
**जन्माष्टमी के दिन सभी उनके प्यार में व्रत रखते हैं। वृत तो हम जन्म-जन्म रखते आये और सोचते आए कि उनकी भक्ति और व्रत से वो प्रसन्न हो जाएंगे और प्रसन्न हाकर मन इच्छित फल प्रदान करेंगे। प्रसन्न तो वे सदा ही रहते हैं परन्तु वे उन पर बहुत प्रसन्न होते हैं जो उन जैसा पवित्र बनने का व्रत लेते हैं। तो इस जन्माष्टमी पर हम व्रत ले इस भारत को स्वर्ग बनाने के लिए ईश्वरीय आज्ञाओं पर चलकर हम पवित्र बनेंगे और अपने खानपान को सात्विक करेंगे। तामसिक भोजन का भोग कमी श्रीकृष्ण को नही लगाया जाता। यदि आपको सचमुच श्रीकृष्ण से प्यार है तो अपने अपने भोजन और जीवन को सात्विकता से भर लें।**
*मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद। *अगर पोस्ट पढ़ने के बाद आपके मन में क्या प्रतिक्रिया हुई कृप्या कमेंट कीजिए और अगर आपको लगे कि इस पोस्ट के विचार किसी के काम आ जाये तो कृप्या इसे शेयर कीजिए। अच्छा मिलते रहेंगे। = सहदृय से धन्यवाद
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