**नोट- जरूरी नहीं इन बातों को आप स्वीकार कर लेवे **
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"डिप्रेशन(अवसाद)"- खशी महसुस करने की योग्यता की कमी का नाम है- अवसाद।
आमतौर पर देखने में आता है कि हमने अपने लाईफ में माईलस्टोन(आधार) कि यह होगा तो खशी मिलेगी, वे ऐसा कर देगी तो खशी मिलेगी। परन्तु हम सब को पता है शायद हम जो सोचते है अक्सर वैसा होता नही है।
आप खुश है अच्छा लग रहा है, यह अनुभूति भी गिने चुने लोगो की होती है। क्यो कि हम अपने अधिकतर कार्य खशी के संकल्प से नही करते है। फिर जिस संकल्प आप कार्य करेगे वैसे ही आपको अनुभूति होगी।
आप कामकाज कर करे रहे है,पर खुशी नही है, यहा से डिप्रेशन(उदासी) की शुरूआत होती है।
आमतौर पर हमारी मान्यता रहती है कि ’कभी खशी,कभी गम’’। हमारा विश्वास ऐसा बन गया है जीवन है तो कभी हॅसना, कभी रोना होगा ही।
यदि बहुत समय खुश रहे तो सुनने को मिलता है ज्यादा खुश मत होओ अभी कोई दुख आ जायेगा। खुश होने में भी डर लगता है। ज्यादा खशी नेचुरल नहीं है, दुख किनारे खडा है। इस प्रकार की मान्यताओं ने हमे खुशी से दूर रखा है।
मै इस खुशी को किसी भी व्यक्ति को परिस्थिति को छीन कर ले जाने नहीं दूॅगा- सुबह से ही यह विचार पक्का कर ले ।
यह अनुभव कि वह कौन सा मोड था जहा से खशी को खोना शुरू किया, इसी का नाम है सजगता।
डिप्रेशन हमारे गलत विचारो के कारण होती है। अतः जरूरी है हमे सकारात्मक सोचने का सार्थक प्रयास करना चाहिए।
अपनी हर कमजोरी को शेयर करना इतना सरल नहीं होता है।
चितांओं से मुक्त बनने की विधि -
हर परिस्थिति में याद रखो कि यह सृष्टि नाटक है, जीवन नाटक है, जीवन एक खेल के समान है।
इस संसार में जो भी हो रहा है, वह पूर्व निर्धारित है।’’कुछ भी नया नही है, इसलिए ’’चिंता ताकी किजिए जो अनहोनी होय। गीता में लिखा हो होगा अच्छा, और जो हो रहा वह और और भी अच्छा है तुम व्यर्थ चिंता करते हो पार्थ।
हर समस्या उन्नति वा विकास का साधन है। हर परिस्थिति में धैर्य, सहास उत्साह रखकर कार्य करे। बुरे दिन हमे कुछ सिखाने के लिए आते है। और अगर आप कुछ साखोगे नही तो आगे कैसे बढ़ोगे यह भी सोचने वाली बात है।
अपमान से हमारे अंदर सहन करने की शक्ति और समाने की शक्ति की गहरी धारणा होती है।
मानसिक रोगो को शारीरिक रोगो से कई गुणा ज्यादा खतरनाक कहा गया है।
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**मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद।
अगर पोस्ट पढ़ने के बाद आपके मन में क्या प्रतिक्रिया हुई कृप्या कमेंट कीजिए और अगर आपको आपको लगे कि इस पोस्ट विचार किसी के काम आ जाये तो कृप्या इसे शेयर कीजिए। अच्छा मिलते रहेंगे।— सहदृय से धन्यवाद
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