** मेरे प्यारे भाइयो और बहनो आप कैसे हो ?
(1)गम्भीर समस्या का हल - .शिवरात्रि का पावन पर्व अथवा सर्व-महान उत्सव पुन: आ गया है। यह त्योहार आज की हमारी सर्वाधिक गम्भीर समस्या का हल भी हमें सुझाता है। कोई प्रश्न पूछ सकता है कि त्योहार का समस्या के साथ क्या सम्बन्ध है?
कहावत भी है कि परिस्थितियाँ ही महापुरुष को जन्म देती है। इस कहावत से हमें यह संकेत मिलता है कि जब परिस्थितियाँ पुरुषों तथा महापुरुषों के बस से बाहर हो गयी होंगी तभी तो वे परमपुरुष (परमात्मा) शिव के अवतरण को लाई होगी। फिर, 'रात्रि' शब्द का तो प्रयोग ही विकट परिस्थितियों के लिये होता है। घटाटोप काली रात्रि भयावह होती है। अन्धेरे में मनुष्य को कुछ सूझता नहीं, मंजिल पर पहुँचने का मार्ग ही दिखाई नहीं देता। अत: त्योहार के नाम पर 'रात्रि' शब्द के प्रयोग से ही सिद्ध है कि परमात्मा का अवतरण तब हुआ होगा जब समूचा मनुष्य-समाज ऐसी उलझनों में फँसा होगा कि उन समस्याओं का समाधान नहीं मिलता होगा। 'रात्रि' शब्द को रूपक के तौर पर प्रयोग हुआ मानने से तथा इसका व्यापक अर्थ लेने से यह निष्कर्ष लेना ठीक ही है कि शिव के अवतरण-काल में अवश्य ही परिस्थितियाँ ऐसी गम्भीर रही होगी कि मानव-समाज द्वारा समाधान से बाहर होंगी तभी तो भगवान को स्वयं 'आकाश सिंहासन' छोड़ना पड़ा; नहीं, नहीं, ब्रह्मलोक से आकर मानव-तन में दिव्य प्रवेश करना पड़ा।
(2).शिवलिंग पर अंकित तीन रेखाओं तथा तीन पत्तो वाले बेलपत्र का रहस्य :-
NICE THOUGHTS JEE
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