** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? ** **नोट = जरूरी इन बातो को आप स्वीकार कर लेवे।**
**संजीवनी बूटी ='लक्ष्मण का अर्थ है, अपने लक्ष्य पर मन को टिकाने वाला । लक्ष्मण के मूर्छित होने का अर्थ है, लक्ष्य से मन का भटक जाना । आध्यात्मिक पुरुषार्थ में जब किसी महारथी का मन लक्ष्य से भटक जाता है तो उसे पुनः सुरजीत करने के लिए याद रूपी संजीवनी बूटी की आवश्यकता पड़ती है। हनुमान जी ने ज्ञान रूपी संजीवनी बूटी देकर उस लक्ष्मविमुख आत्मा को पुनः लक्ष्योन्मुख कर दिया । यही संजीवनी बूटी का आध्यात्मिक रहस्य है। पहाड़ उठाना अर्थात दुर्गम कामों को सहजता से कर देना। मायवी दुनिया में , माया से बेहोश आत्मा को सुरजीत करने के लिए कई बार पहाड़ उठाने जैसी परिस्थिति भी पार करनी पड़ती हैं। हनुमान ने यह कर दिखाया।
**मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद।
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