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Wednesday, March 3, 2021

**(1).= आज की मुरली का सार**(2) घृणा**


                            ** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? **

**नोट = जरूरी इन बातो को  आप स्वीकार कर लेवे।**
**अच्छा आप प्यारे दोस्तो जी कैसे है जी?**  

[1].=ऊंच ते ऊंच बेहद के बाप की खुशखबरी। नई दुनिया कैसे स्थापन होती है। बेहद का बाप(परमात्मा) ज्ञान का सागर, पतित-पावन, सद्गति दाता गीता का भगवान शिव कैसे ब्रह्माकुमार कुमारियों द्वारा फिर से कलियुगी सम्पूर्ण विकारी, भ्रष्टाचारी पतित दुनिया को सतयुगी सम्पूर्ण निर्विकारी पावन श्रेष्ठाचारी दुनिया बना रहे हैं। वह खुशखबरी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय  में  आकर  सुनो अथवा समझो। — प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय या पीस आफ मांइड चैनल(pmtv) देखिए ।
[2].=यह प्रजापिता

ब्रह्माकुमार कुमारियाँ कल्प पहले मिसल ड्रामा(बनी बनाई घटनाये) प्लैन अनुसार परमपिता परमात्मा शिव की श्रीमत पर सहज राजयोग और पवित्रता के बल से, अपने तन-मन-धन से भारत को ऐसा श्रेष्ठाचारी पावन कैसे बना रहे हैं, सो प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय  में  आकर  आकर समझो।


[3].=भारत 5 हजार वर्ष पहले ऐसा स्वर्ग था। अभी तो कलियुग है, वह सतयुग था। अब बताओ सतयुग में कितने आदमी थे ? = तो सतयुग की जनसंख्या करीब 9 लाख थी।  अभी कलियुग का अन्त है। यह वही महाभारत महाभारी लड़ाई है। और कोई समय तो ऐसी लड़ाई लगी ही नहीं है। यह भी थर्ड वार पिछाड़ी को हुई है। ट्राई करते हैं ना। अब तो एटॉमिक बॉम्बस बनाते रहते हैं। किसकी भी सुनते नहीं हैं। वह कहते हैं जो बॉम्बस बनाये हुए हैं वह सब समुद्र में डाल दो तो हम भी नहीं बनायें। तुम रखो और हम न बनायें यह कैसे हो सकता। 

[4].=तुम जानते हो सतयुग   

में हैं दैवीगुणों(देवी-देवता) वाले मनुष्य और कलियुग में हैं आसुरी(काम,क्रोध,मोह,लोभ,अहंकार) अवगुणों वाले। आसुरी गुणों वाले दैवी गुण वालों की महिमा गाते हैं। कितना फ़र्क है।

[5].=नेचुरल कैलेमिटीज(प्राकृतिक आपदाये) होगी। अनाज आदि कुछ नहीं मिलेगा, बरसात कहाँ देखो तो बहुत पड़ती। कहाँ बिल्कुल पड़ती नहीं। कितना नुकसान कर देती है। इस समय तत्व भी तमोप्रधान हैं तो बरसात भी उल्टे सुल्टे टाईम पर पड़ती रहती है। तूफान भी तमोप्रधान, सूर्य भी तपत ऐसी करेंगे जो बात मत पूछो। यह नेचुरल कैलेमिटीज ड्रामा(बनी बनाई घटनाये)  में नूँध हैं।  * =अच्छा!=ओम् शान्ति= **
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**घृणा:-


**मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद। 

अगर पोस्ट पढ़ने के बाद आपके मन में क्या प्रतिक्रिया हुई कृप्या कमेंट कीजिए और अगर आपको आपको लगे कि इस पोस्ट विचार किसी के काम आ जाये तो कृप्या इसे शेयर कीजिए। अच्छा मिलते रहेंगे।— सहदृय से धन्यवाद

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