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Sunday, April 11, 2021

शुभ नवरात्री = [1]चरित्र गाए पर चरित्रवान नहीं बने। [2]वास्तविक जीवन कहानी

                       ** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? **          




[1]चरित्र गाए पर चरित्रवान नहीं बने  हमारी पूजा-पद्धति पर भी प्रश्न-चिह्न खड़ा हो रहा है कि हम बदले क्यों नहीं? इसका एकमात्र कारण यही नज़र आता है कि हमने हाथ तो जोड़े पर मन नहीं जोड़ा। मस्तक तो झुकाया पर मस्तक में विद्यमान आत्मा को देखना नहीं सीखा। दर्शन तो किये पर खुद को दर्शनीयमूर्त नहीं बनाया। देवी को सुहाग का प्रतीक लाल जोड़ा तो पहनाया परन्तु अमरनाथ शिव को अपना अमर सुहाग स्वीकार नहीं किया। देवी का गहनों से, फूलों से शृंगार किया पर खुद को गुणों के गहनों से नहीं सजाया। देवी की आरती उतारी परन्तु अपने भीतर ज्ञान का दीप नहीं जलाया। देवी के पास कलश स्थापित किया परन्तु खुद के मस्तक को ज्ञान से खाली ही रखा। देवी के चरित्र गाए परन्तु खुद चरित्रवान नहीं बने। परिणाम यह हुआ कि एक दिन या नौ दिन या साल में दो बार पूजा करके भी हम अन्दर से खाली ही बने रहे। पूजा करने से पहले और पूजा करने के बाद के व्यक्तित्व में कोई अन्तर नहीं आया। 


माँ दुर्गा ने कल्प पहले जो पढ़ाई[राजयोग] पढ़ी थी, वर्तमान समय भगवान शिव उसी ज्ञान-कलश को लेकर धरती पर अवतरित हुए हैं और हर नर-नारी को धारण करा रहे हैं। आइये, इस नवरात्रि पर कुछ नया करें। याचना, प्रार्थनाएँ तो बहुत जन्म कर लीं, अब ज्ञान-कलष धारण कर याचना-प्रार्थनाओं से ऊँचे उठकर जग की यातना मिटाने के लिए कटिबद्ध हों। .



[2] वास्तविक जीवन कहानी= किसी की वास्तविक जीवन कहानी को जाने बिना मात्र हाथ जोड़ लेना, कुछ फूल-पत्र आदि चढ़ावा चढ़ा देना केवल गुड़ियों की पूजा या खेल बनकर रह जाता है। जैसे यदि कोई बच्चा यह न जानता हो कि बापू गाँधी कौन थे, कब हुए, उन्होंने क्या किया तो वह भावना वश उनके चित्र पर माला तो अर्पण कर देगा परन्तु उनके चरित्र के उदात्त गुणों जैसे- सत्य, अहिंसा, वैश्विक प्रेम आदि का चिन्तन नहीं कर पायेगा फलस्वरूप उन्हें अपने चरित्र में भी नहीं उतार पायेगा। हमने भी रीति-रस्म अनुसार माँ दुर्गा पर अपनी भावनाएँ तो अर्पित की परन्तु उनके जीवन में समाए त्याग, तप, सेवा, समर्पण, अनासक्ति आदि का दिग्दर्शन न कर पाये। इसलिए हर साल पूजा-व्रत, यात्रा करते भी हम वहीं हैं, जहाँ ये सब करने से पहले थे। 


**मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद। 

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