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Monday, March 29, 2021

प्रश्न- आपस में बहुत-बहुत रूहानी स्नेह से क्यो रहना चाहिए ?

                           ** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ? **

**नोट = जरूरी इन बातो को  आप स्वीकार कर लेवे।**

प्रश्न. आपस में बहुत-बहुत रूहानी स्नेह से क्यो रहना चाहिए ?

उत्तर. पहले तो हम रूहानी स्नहे का अर्थ कर ले रूहानी मने आत्मिक, अर्थात् आत्मिक प्यार। संसार में दो प्रकार के प्यार होते है एक होता है शरीर का प्यार और दुसरा होता है रूहानी प्यार। शरीर का प्यार तो किसी को प्राप्त करने के बाद कम हो जाता है और शरीर का प्यार शरीर से किया जाता है। चुकि इस दुनिया शरीरधारी सम्पूर्ण नही है याह देवताये भी सम्पूर्ण नही है इसलिए शरीर का प्यार एक निश्चित अवधि कम हो  जाता है इससे शायद आप भी परिचित है।


एक कारण यह भी हो सकता है कि व्यक्ति,वस्तु,वैभव को प्राप्त करने के बाद हम उसकी विशेषता का आंकलन लगातार नही करते है और आध्यात्मिक ज्ञान के अनुसार किसी देहधारी के सम्पर्क में हम आते तो उनसे अभी और पूर्व जन्म का हिसाब  किताब रहता है और हमसे चुक्त करने आते है, कुछ समय तक हमारा स्नेह अच्छा चलता है लेकिन जैसे ही हमारा वास्तविक हिसाब किताब चाले होता है तो हमार स्नेह भी कम हो जाता है या हमारा उनसे मनमुटाव हो जाता है।


अब हम चर्चा करेगे रूहानी स्नेह पर, रूहानी अर्थात आत्मा का आत्मा से प्यार,शायद आपको ज्ञात होगा हर मनुष्य को चलाने वाली आत्मा जो भ्रकृटि बीच रहती है ज्योर्तिबिन्दु सुक्ष्म रूप में होती है हम उसे नग्न आखो से नही देख सकते है, आत्मा मे मन,बु​द्धि ,संस्कार,गुण,और शक्तिया मौजूद रहती है। चुकि स्नहे आत्मा का महत्तवपूर्ण गुण है। आज हर एक दुसरे से प्यार मांग रहे है वो तो सब देह  का प्यार मांग रहे है। जब एक दुसरे से मांग रहे है होगो तो कैसे  दे सकेगे, सब तो लेने में लगे है।


अत: जब हम स्वय को आत्मा समझ कर दूसरो को रूहानी प्यार की दृष्टि से देखेगे,व्यवहार  करेगे तो स्वत हमारा रूहानी स्नेह में वृ​द्धि् होगाी आपने सुना है जो हम सोचते है ,करते है, या उस प्रकार की दृष्टि रखते है उसकी वृद्धि होती या वही घटनाये हमारे साथ घटित होती है।


चुकि हम कई जन्मो से देह अभिमान में रहे है और आत्मिक स्वयप ढालने में थोड़ी कठिनाई महसुस होती है, परन्तु हम धीरे—धीरे ​आत्मिक अभ्यास बढ़ाये जितना हो सके तो शायद हम सफलता के एक कदम के​ शिखर पर अग्रसर हो।


**मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद। 

अगर पोस्ट पढ़ने के बाद आपके मन में क्या प्रतिक्रिया हुई कृप्या कमेंट कीजिए और आपको लगे कि किसी के काम आ जाये तो कृप्या इसे शेयर कीजिए। अच्छा मिलते रहेंगे।- सहदृय से धन्यवाद



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