** मेरे प्यारे भाइयों और बहनों आप कैसे हो जी ?
**बरकुले अर्थात् बुरी वृत्तिया(विचार) - होली के दिन गोबर के बरकुले बनाकर होली जलाते हैं और मंगल मिलन मनाते हैं। इसका रहस्य यह बताया जाता है कि इससे दुःख, दरिद्रता और अपवित्रता दूर होती है। वास्तव में बरकुले जलाने से नहीं बल्कि मन की दूषित वृत्तियाँ(विचार), कपटभाव, और दुर्भावनाएँ आदि ज्ञान(राजयोग) और योग(परमात्मा की याद) की अग्नि में भस्म करने से जीवन - आनन्दमय, पवित्र और सुखमय बनता है।
** होली को राक्षस विनाश त्यौहार भी कहते हैं। हर मानव के अन्दर जो 5 विकार(काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार ) हैं वे ही उसे राक्षस बना देते हैं। परमात्मा के दिए ज्ञान (राजयोग) द्वारा इन पाँच विकारों का -विनाश हो जाता है और मानव में देवत्व उदित हो उठता है।
**होली - बीती को बिसार दे आगे का सुधि ले -
*इसी भाव का वाचक है - "हो+ली .
*प्रश्न= सबसे बड़ी बात है कि होली का रंग के साथ क्यों सम्बन्ध ?
*उत्तर= वास्तव में तो ज्ञान •रंग अर्थात सत्संग का•रंग ऐसा रंग है जिससे मनुष्य बीती को बिसार दे और अपने लिए अपने कर्मो को सुधार सकता है।
**मेरे अति प्यारे भाइयो और बहनों आपने अपना किमती समय निकालकर इस पोस्ट को पढ़ा इसके लिए धन्यवाद।
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nie
ReplyDeleteOMSHANTI
DeleteSweet omshanti payare bhai jee aap kaise ho jee?🌺💘
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